Wednesday 20 October 2010

स्पेनिश नाम!!


वन्या ने बहुत जल्दी ही अक्षरों के साथ जान-पहचान कर ली थी जबकि अरण्य जी जो इस दिसंबर 15 को तीन साल के हो जाएंगे शुरुआती अक्षर ज्ञान के प्रति कोई रुचि जाहिर नहीं की है। अलबत्ता किताबों से उन्हें बेइंतिहां प्यार है। जब देखो तब कोई न कोई किताब ले कर पहुंच जाता है कि, "ये वाली बुक पला दो" और उसके बाद पालथी मार कर बैठ कर शुरुआती पंक्ति भी खुद ही बोल देता है, "हां तो एक बाल की बात है कि...अब पलाओ क्या होता है...।"


कुछ दिन पहले वन्या की चित्रों वाली एक भारी बड़ी सी किताब ले आया और बोला, "अम्मां, इछमें भौत अच्छी कहानी होती है, मुझे पला दो।" अब ऐसे में तो बचने का कोई सवाल ही नहीं होता तो हमने वह किताब पढ़नी शुरु कर दी। उस किताब में सुंदर चित्र बने थे जिनके नाम अंग्रेजी के अलावा फ्रेंच, स्पेनिश वगैरह भाषाओं में भी दिए गए थे।

मैंने अरु को हंसाने के लिहाज से अंग्रेज़ी नामों के साथ उनके स्पेनिश नाम मज़ाकिया तरीके से पढ़ने शुरु किए। जैसे ड्रम के लिए स्पेनिश नाम अल टैंबोर, नाव यानि बोट के लिए अल बोटे, सूरज यानि सन के लिए अल सोल वगैरह-वगैरह।

अचानक अरण्य ने मुझे रोकते हुए कहा, "मम्मा, पटा है मेला छपेनिश नाम क्या है?" मैंने सवालिया नज़र से उसकी ओर देखते हुए कहा, "क्या है?"
"अल अनिया!"
सुनते ही मेरी हंसी फूट पड़ी। दरअसल अरण्य अपना नाम ऐसे ही बोलता है ‘अलन्या’ तो उसे स्पेनिश में तब्दील करने में उसे कोई दिक्कत नहीं हुई ‘अल’ को अलग किया और उसमें जोड़ दिया ‘अनिया’। बन गया जी अरण्य का स्पेनिश नाम "अल अनिया"।

2 comments:

  1. बच्चा किस आसानी से नया रच लेता है।
    आदमी अपने नाम के साथ इस तरह खेलने की सोच नहीं सकता। ईगो के कारण वह भीतर से काठ हो चुका होता है।

    सुंदर पोस्ट

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  2. धन्यवाद अनिल जी! सचमुच बच्चे जिस तरह से चीजों को अपनी तरह से समझ कर उन्हें इस्तेमाल करते हैं कभी-कभी आश्चर्य में डाल देता है।

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